Sunday, 18 February 2018

देखना कभी हमारी छाती पर फौलाद भी पिघलता है। शेर सा जिगरा है “ठाकुर” का , हमेसा अकेला निकलता है। गुलामी तो हम सिर्फ अपने माँ बाप की करते है .!! दुनिया के लिये तो कल भी बादशाह थे और आज भी..!! #Thakur sahab.🔫


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