Sunday, 16 December 2018

तेरे बगैर इस ज़िन्दगी की हमें जरुरत नहीं; तेरे सिवा हमें किसी और की चाहत नहीं; तुम ही रहोगे हमेशा मेरे दिल में; किसी और को इस दिल में आने की इजाज़त नहीं!!


रुतबा तो खामोशियो का होता है साहिब. अल्फाजो का क्या है वो तो मुकर जाते है हालत देख कर ..


सिर्फ तूने ही कभी मुझको अपना न समझा,जमाना तो आज भी मुझे तेरा दीवाना कहता है!


हम तो कुछ देर हँस भी लेते हैं दिल हमेशा उदास रहता है...


Cute Brother and Sister


वो कहने लगी नकाब में भी पहचान लेते हो… हजारों के बीच… मेंने मुस्करा के कहा तेरी आँखों से ही शुरू हुआ था “इश्क” हज़ारों के बीच…


कौन कहता है क़ि चाँद तारे तोड़ लाना ज़रूरी है…..दिल को छू जाए प्यार से दो लफ्ज़, वही काफ़ी है…!!